Medical astrology from your Varshphal.
Varshphal using Tri pataki chakra vedh .
फल--यदि त्रिपताकी चक्र में चन्द्र का सूर्य से वेध हो तो विद्ध दछ्या में मनुष्य को गर्मी पित्तादि के कारण ज्वर आता है और मन में सन्ताप रहता है ।
Moon under vedh from the sun causes fevers because of Pitta ( heat) and suffers from mental agitation and anxiety.
चन्द्र-मंगल वेध होने से रक्त विकार, शरीर पीड़ा, रक्तचाप तथा मानससिक रोग होते हैं ।
Mars vedha to Moon causes blood related issues,blood pressure ,body pains and mental issues.
चन्द्र-बुध वेध होने पर, कुटुम्ब कलह, मन उद्विग्न, घन की प्राप्ति शत्रु- / भय रहता है
Mercury Vedha to Moon causes family quarrels ,indigestion,fear from enemies and realisation of income .
चन्द्र-वृहस्पति वेध होने पर सुख, शान्ति, पूजा पाठ, घनलाभ, विजयादि सुख
Moon under Vedh from Jupiter causes happiness ,income gains ,religious worship and rituals and success.
चन्द्र-शुक्र वेध होने पर, ज्ञान, विद्या की प्राप्ति, आशा से कम घन लाभ, हो झत्रुपक्ष पर विजय, वायु-विकार, जलादि भय, वासना के प्रबल होने से मन-उच्चाटन होता है ।
Venus vedha aquistion of knowledge ,loss of some part of expected income ,prevails over enemies ,vata issues,fear from water,excessive desires and mental agitation due to the excessive desires.
चन्द्र-शनि वेघ होने से नीच की संगति, वायु प्रकोप, नीच कम रत, अनेक रोग नजला-जुकाम अदि होते हैं ।
Saturn vedh to Moon ,Vata issues ,low level of associations and work,many diseases,cold and cough issues.
“चन्द्र-राहु वेध होने से, पेट दर्द, चित्त मलिन, दृषित विचार, पाप रत, कीर्ति क्षय तथा अनेक कष्ट प्राप्त होते हैं । |
Rahu Vedh to Moon may cause problems related to the stomach, unsavory thought process, loss of fame, and many problems.
चन्द्र-केतु वेध होने से अनेक प्रकार के दुःखों की प्राप्ति होती है ।: मन मलिन रहता है। पेट में दर्द होता है मन्दारिन आदि होने से स्वास्थ्य बिगड़ जाता है ।
Ketu Vedh to Moon causes illusions, many problems, stomach ache, indigestion, etc.