Why a malefic planet as a 9th lord cannot be treated as a Benefic (functional). However, this condition does not apply to the lord of 5th even if it is malefic.
वृषभजातस्य च शनि: भाग्यकर्मेश्चरोऽपि वां |
सूर्य सोमसुताभ्याम् वा न युत्रतो नैव योगद: || १ || (Bhavarth
Ratnakar, Taurus Lagna)
Saturn through a yoga karaka in itself cannot give
results in itself if Sun and Mercury do not conjoin or form a relationship with
it. As Saturn is lord of Kendra and Trikona thus a yoga karaka but as malefic
lord of Kendra, it loses malefic intent thus neutralizing itself so additional support of Kendra and Trikona lords sun and mercury is required to
make Saturn fully fruitful.
वृषभ लग्न जातक के लिए शनि नवम एवं दशम भाव के स्वामी होने
से योगकारक होने पर भी शुभ फल दाता नहीं होते जब तक की सूर्य (चथुर्थेश) एवम बुध (पंचमेश)
की युति या संबंध शनि के साथ न हो |
शनि की मूल त्रिकोण राशि दशम भाव में होने से शनि अशुभ नहीं
रहते परंतु ज्यादा शुभ नहीं होते हैं | इसलिए शुभ फल देने के लिए शनि का संबंध दूसरे
शुभ ग्रह (सूर्य एवम बुध ) के साथ होने से शनि के फल में ज्यादा शुभता आती है |
भाग्येश सर्वदा सौम्यो न क्रूरः फलदायकः। १० । (BPHS,
karak marak vichar adhaya)
9th lord is always benefic but with a
condition that it should not be a cruel/malefic planet.
पुत्राधिपो ऽपि शुभदः क्रूरोऽपि सुखदः स्मृतः। ११।
The lord of 5th will always give good
results whether it is cruel/malefic or a benefic planet.